पहले ग्लोबल बॉयो इंडिया 2019 शिखर बैठक
21-23 नवंबर के बीच नई दिल्ली मेजबानी करेगी
नई दिल्ली,
भारत में पहली बार नई दिल्ली में जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित पक्षों का विशाल सम्मलेन-ग्लोबल बायो इंडिया, 2019 का आयोजन 21-23 नवंबर, 2019 के बीच किया जा रहा है। इस शिखर बैठक के कर्टेन रेजरकार्यक्रम में केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि भारत पहली बार जैव प्रौद्योगिकी से संबधित समुदाय के लिए विशाल आयोजन की मेजबानी कर रहा है ताकि निवेश, हमारी स्वदेशी शक्ति का प्रदर्शन और स्वदेशी प्रतिभा पूल की आकांक्षाओं और आशाओं के प्रेरक फ्यूल को आकर्षित किया जा सके।
इस अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने वैज्ञानिक अनुसंधान, इसके रूपांतर और वाणिज्यीकरण के प्रति भारत की वचनबद्धता जारी रखने की बात कही और इस विशाल आयोजन से किस प्रकार भारत की शक्ति का प्रदर्शन किया जा सकेगा और नई भागीदारियों का विकास होगा और निवेश के अवसर बढ़ सकेंगे, इन सभी बिन्दुओं पर विचार व्यक्त किए।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने इसी प्रकार की भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि मेक इन इंडिया 2.0 में जैव प्रौद्योगिकी चयनित प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। इस आयोजन के माध्यम से इस क्षेत्र की हमारी क्षमता और शक्ति का प्रदर्शन करने की इच्छा है और हम चाहते हैं कि समूचा विश्व यह जान जाए कि निवेश के लिए भारत उत्तम विकल्प है।
इस अवसर पर कर्टेन रेजर के दौरान ग्लोबल बायो इंडिया-2019 की पुस्तिका जारी की गई।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी विभाग अपने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद के साथ मिलकर इस शिखर बैठक का आयोजन कर रहा है।
इस शिखर बैठक में 30 देशों से संबंधित पक्ष, 250 स्टार्ट-अप, 200 प्रदर्शनी आयोजक केन्द्र और राज्य सरकार के मंत्रालय, नियमाक संस्थाएं, निवेशक यानी सब मिलकर 3500 लोग शामिल होंगे।
आशा है कि इससे स्वदेशी अनुसंधान क्षमताओं, जैव उद्यमशीलता, निवेश तथा समूचे ग्रामीण भारत और दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों तक अंतिम गंतव्य तक प्रौद्योगिकी पंहुचाने को बढ़ावा मिलेगा।
यह उल्लेखनीय है कि जैव प्रौद्योगिकी भारत की 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करने में प्रमुख प्रेरक का काम करेगी और यह देश की सकल घरेलू उत्पाद को गति देने के लिए आवश्यक क्षेत्रों में से एक मानी जा रही है। भारत को आज लगभग 51 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था माना जा रहा है और इसे 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर की दिशा में आगे बढ़ना है।
यह शिखर बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पहली बार विश्वभर से जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े पक्षों का विशाल समागम दिखाई देगा।