केरला निवासी डोमिनिक साइमन की सऊदी में गिरफ्तारी पर भारतीय दूतावास चुप क्यूँ ?
सऊदी में साइमन के बीवी बच्चे मुश्किलों का सामना कर रहे
नई दिल्ली : पिछले महीने 8 जुलाई से सऊदी अरब की पुलिस ने एक भारतीय केरला निवासी रियाद की एक आईटी कम्पनी में कार्यरत डोमिनिक साइमन को पिछले एक महीने से अपने हिरासत में रखा हुआ है, और सऊदी में भारतीय दूतावास अब तकके इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हुए। जबकि उसकी पत्नी सलिनी स्कारिया जॉय जो एक कम्पनी में रिसर्चर है और उसे भी अपने पति के गिरफ्तार होने का असली कारण पता नहीं है और वह अपने पति डोमिनिक साइमन की रिहाई के लिए लगातार कोशिश जारी रखे हुए हैं।
पत्रकार से सीधे बात-चीत में साइमन की पत्नी ने कहा कि पिछले दिनों दूतावास के कुछ अधिकारियों से मिली सभी से केवल सहानभूति ही मिला ।
सालिनी स्कारिया का मानना है कि मुझे अब तक रियाद में स्थित भारतीय राजदूत औसाफ़ सईद से मिल कर उनके समक्ष अपनी सारी बात रखना चाहती हूं लेकिन या तो मुझे अधिकारी जान बूझ कर मिलने नही दे रहे हैं या भारतीय राजदूत औसाफ़ सईद वह स्वयं ही मुझसे मिलना नहीं चाहते ।
साइमन की पत्नी का कहना है कि रियाद स्थित दूतावास के अन्य पदाधिकारीगण कहते हैं कि भारतीय राजदूत औसाफ़ सईद बेहद शालीन और विन्रम स्वाभाव के है, यदि उन्होंने पूरी बात सुन लिया तो समस्या का समाधान निकल आएगा, उन अधिकारियों पर भरोसा कर सलिनी ने पत्रकार से कही कि मुझे पूरा भरोसा है कि औसाफ़ सईद से यदि एक बार हमारी मीटिंग हो जाये तो समस्या का समाधान जो सकता है। परन्तु उनसे क्यूँ नही मिलने दिया जाता है यह संशय बना हुआ है।
भारतीय राजदूत औसाफ़ सईद (रियाद)
बहरहाल मामला चाहे जो भी हो , विदेश में भारतीय दूतावास की ज़िम्मेवारी बनती है कि उसके देश के प्रवासियों के साथ कोई समस्या खड़ी होती है तो दूतावास को उस परिस्थितिवश अपने देश के नागरिको के साथ खड़े रहना चाहिये, यदि कोई अपराधी के रूप में पकड़ाता है तो भी दूतावास का कर्तव्य है कि अपने देश को उसके अपराध के बारे मे स्पष्ट रूप से सर्वजनिक करना चाहिये ताकि देश के नागरिओं में दूतावास के प्रति कोई शंका की गुंजाइश न रहे। परंतु आज सऊदी में भारतीय दूतावास द्वारा एक भारतीय नागरिक जो सऊदी सरकार द्वारा सिर्फ इसलिये गिरफ्तार किया गया है उसने सऊदी के भारतीय दूतावास में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी भारत सरकार को दे कर आरटीआई में माध्यम से वंदे भारत मिशन की सही जानकारी ले कर भारतीय प्रवासियों को सोशल मीडिया द्वारा दे कर जागरूक किया था यह उसका सबसे बड़ा अपराध था ? इस पर भारतीय दूतावास के राजदूत औसाफ़ सईद को स्पष्ट जानकारी देना चाहिये।
साइमन के मित्र सोशल एवं आरटीआई एक्टिविस्ट महेश विजयन का आरोप है कि पिछले महीने 8 जुलाई को भारतीय दूतावास में या तो अधिकारियों द्वारा की गई शिकायत के आधार पर या डोमिनिक द्वारा प्रस्तुत आरटीआई प्रश्नों के प्रतिशोध में उनके द्वारा की गई शिकायत के आधार पर सऊदी अधिकारियों ने भर्मित हो कर डोमिनिक को हिरासत में ले लिया है। सऊदी अरब में एक केरला निवासी भारतीय आरटीआई कार्यकर्ता डोमिनिक साइमन की गिरफ्तारी विचारणीय है। सवाल है क्या केरला निवासी भारतीय आरटीआई कार्यकर्ता डोमिनिक साइमन अवैध रूप से रह रहा था ? क्या सऊदी में उसकी संदिग्ध भूमिका थी ? या सऊदी अब प्रसाशन को गुमराह कर उसे जान बुझ कर एक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया ? यह सवाल इस लिए अनिवार्य की जो व्यक्ति विशेषकर कोविड़ -19 महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किय बगैर लोगो को सुरक्षा के प्रति जागरूक करता हो और विशेष कर सऊदी में रह रहे प्रवासी केरल वासियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिये सऊदी दूतावास और भारत सरकार से विमान की विशेष व्यवस्था कराने और प्रवासिओं को उनके गंतव्य स्थानों तक सुरक्षित पहुंचाने का सक्रिय भूमिका अदा कर सराहनीय कार्य कर रहा था। फिरभी उसकी गिरफ्तारी - सऊदी दूतावास को शक के दायरे में तो खड़ा करता है। आरटीआई कार्यकर्ता डोमिनिक साइमन की गिरफ्तारी केवल इसलिये किया गया कि वह सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का प्रभावी उपयोग कर लोगों को अधिकारों के बारे में शिक्षित और जागरूक कर रहा था।
आखिर इसकी सच्चाई क्या है ? आइना इंडिया इस सच्चाई को जानने के किय कुछ तथ्य तलाशने की कोशिश में प्रथम एक एड्स संस्था के विशेषज्ञ और आरटीआई कार्यकर्ता महेश विजयन से फोन पर बात की उन्होंने बताया की " डोमिनिक साइमन रियाद के आईटी कम्पनी में कार्यरत था और वह हमेशा प्रवासी भारतीयों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाता था। वह केरल के पाल निवासियों के विवारविकाशिकल आरवीआई उत्साही संस्था का वह एक सक्रिय सदस्य है , जो प्रवासी कानूनी प्रकोष्ठ के वैध सलाहकार के रूप में उसे प्रकोष्ठ की ओर से एक पुरस्कार भी दिया था। विजयन ने कहा " साइमन ने इस साल मई में धमकी वाले कॉल के बारे में भारतीय दूतावास को जानकारी दे कर मदद की गुहार लगाईं थी लेकिन उसे कोई वैधानिक मदद तो छोड़िये आश्वासन तक नही मिला ।
यह भारत सरकार के सरकारी तंत्र के व्यवस्था की विडंबनाआ कहे कि साइमन का दुर्भाग्य की 8 जुलाई को उसकी गिरफ्तारी के बाद रियाद के अल हेयर जेल में रखा जा रहा है, लेकिन उसके परिवार को भारत सरकार ने सूचित करना उचित नहीं समझा, साइमन के घर वालों को आज भी साइमन की गिरफ्तारी के बारे में सही जानकारी नहीं है की सऊदी सरकार ने उसे किस जुर्म में गिरफ्तार किया था। इस बाबत में साइमन के परिवार वालों ने रियाद में भारतीय दूतावास एवं केंद्रीय विदेश मंत्रालय में याचिका दायर कर साइमन की जानकारी मांगी है।
ऐसा माना जाता है कि सोशल मीडिया की पोस्ट पर आलोचना करने के लिए किसी ने भारतीय दूतावास द्वारा एक झूठी शिकायत के आधार पर एक मिशन के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस मामले को ले कर उनकी मां बुधवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है।
विजयन ने कहा की जैसा कि सूत्रों से पता चला कि इस वर्ष के मई में लकडाउन के दौरान रियाद में फंसे हुए को भारत सरकार द्वारा वंदे भारत मिशन के तहत वहां के भारतीय दूतावास के माध्यम से उनके अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिये जिस फ्लाइट की व्यस्था की गई थी उसमे भारतीय दूतावास के कुछ ज़िम्मेवार अधिकारियों द्वारा अलग से पैसे लेकर उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक भेजा जा रहा था। जब इस बात की जानकारी साइमन को मिली तो साइमन समाजिक कार्यकर्ता वह सहन नहीं कर सका और उसने इस बात की सही जानकारी लेने के लिये भारत के विदेश मंत्रालय में आरटीआई लगा कर रियाद में भारत दूतावास में हो रहे व्याप्त भ्र्ष्टाचार को उजागर करने के लिए वन्दे भारत मिशन के यात्रा सम्बंधित जानकारी मांगी, मंत्रालय का जवाब को साइमन ने प्रवासिओं के सुविधा के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर वंदे भारत मिशन की सही जानकारी सऊदी अरब में रह रहे केरला प्रवासियों को देने कोशिश की जिससे दूतावास के अधिकारियों को काफी बुरा लगा, रियाद के भारतीय दूतावास के अधिकारिओं ने साइमन द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित सुचना को गलत तरीके से प्रस्तुत कर सऊदी सरकार को गुमराह कर साइमन को सऊदी क़ानून के तहत गिरफ्ता करवा दिया गया और इसके गिरफ्तारी की सुचना को साइमन के परिवार वालों से रियाद के भारतीय दूतावास द्वारा गुप्त रखा गया लेकिन केरला प्रवासियों को जानकारी मिलते ही केरला प्रवासियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से साइमन की गिरफ्तारी को उजागर कर दिया। जिसका परिणाम आज साइमन को जेल में भुगतना पड़ रहा है।
ऐसा मानना है कि 8 जुलाई को भारतीय दूतावास में या तो अधिकारियों द्वारा की गई शिकायत के आधार पर या डोमिनिक द्वारा प्रस्तुत आरटीआई प्रश्नों के प्रतिशोध में उनके द्वारा की गई शिकायत के आधार पर सऊदी अधिकारियों ने भर्मित हो कर डोमिनिक को हिरासत में ले लिया है।