पुलिस अकादमी के व्याख्यान में राजीव प्रताप रुडी ने कहा - दक्षता में ही निहित है समृद्धि का मूलमंत्र
भारतीय पुलिस सेवा के 132 प्रशिक्षुओं के बीच डेढ़ घंटे का व्याख्यान
· 4 सितम्बर को होगा पासिंग आउट परेड
· 28 महिला IPS प्रशिक्षुओं के साथ ही बिहार के भी एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षु अधिकारी
· NPA निदेशक अतुल करवल ने व्याख्यान के लिए रुडी को किया था आमंत्रित
· संसद रुडी का NPA में प्रत्येक वर्ष होता है उत्प्रेरक व्याख्यान
नई दिल्ली । सिविल सेवा परीक्षा द्वारा चयनित भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की दक्षता को निखारने का सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण केन्द्र है राष्ट्रीय पुलिस अकादमी। दक्षता से समृद्धि का बीज पनपता है। सच कहा जाये तो समृद्धि का मूल मंत्र दक्षता में ही निहित है। जो जितना दक्ष होता है वो उतना ही समृद्ध होता है। वह राष्ट्र सबसे अधिक संपन्न और शक्तिशाली माना जाता है, जहां के लोग दक्ष होते है। यह राष्ट्रीय पुलिस अकादमी भी देश के सर्वश्रेष्ठ युवाओं को दक्ष करने का एक माध्यम है, जहां देश के तमाम होनहार युवाओं के चयन उपरान्त प्रशिक्षण देकर उनकी दक्षता को निखारने का कार्य किया जाता है, ताकि वे कल राष्ट्र के शांति व समृद्धि में अपना lcls csgrjhu योगदान दें। उक्त बातें सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद के प्रशिक्षुओं के ‘‘पुलिस-राजनीतिज्ञ इंटरफेस’’ विषय पर वर्चुअल व्याख्यान के दौरान कही। पुलिस और राजनीतिज्ञ एक दूसरे के पूरक है और जनता के प्रति जवाबदेह है, जिसके लिए दोनों को पारदर्शी ढंग से ईमानदारी के साथ सच्चाई सामने लाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जन सामान्य से सामंजस्य बैठाना पुलिस के लिए चुनौती है। अपने पदस्थापन के दौरान अधिकारियों को जनता के बीच माहौल के देखकर हर स्थिति को अपने संतुलन में रखने के लिए ऐसे प्रयास करने होंगे जिससे पुलिस और आमजनता के बीच की दूरियों को मिटाया जाए।
उल्लेखनीय है कि सांसद रुडी प्रतिवर्ष हैदराबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, में भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षुओं को पास आउट परेड के पूर्व व्याख्यान देते है। गुरुवार को भी श्री रुडी एक व्याख्याता की भांति हैदराबाद में आर॰आर॰ 71 (वर्ष 2018) बैच के भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षुओं के बीच व्याख्यान दे रहे थे। 132 आइपीएस अधिकारियों में 28 महिला अधिकारी भी थी। व्याख्यान में बिहार कैडर के भी आइपीएस अधिकारी थे, जिन्हें प्रशिक्षण उपरान्त राज्य के विभिन्न भागों में प्रतिनियुक्त किया जायेगा। सांसद रुडी ने कहा कि सामुदायिक पुलिस व्यवस्था के सदियों पुराने तौर-तरीकों पर आज की परिस्थिति के अनुसार पुर्नव्याख्या कर ऐसे रास्ते ढंूढे जाने चाहिए जिसमें पुलिस जनता के करीब जा सके। उनमें विश्वास और मित्रता का भाव पैदा हो। दोनों मिलकर आम लोगों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए काम कर सकें। श्री रुडी ने कहा कि राज्यों के विभिन्न पीटीसी सेंटरों का उन्नयन कर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को दी जाने वाले प्रशिक्षण के अनुरूप ही निचले स्तर के पदाधिकारियों को भी प्रशिक्षण दी जानी चाहिए। इस दौरान श्री रुडी ने प्रशिक्षुओं को जनता के बीच से अपने सूत्र निकालने का गुर भी बताया और कहा कि जनता के बीच से आये इस प्रकार के सूत्र कामयाब होते है। प्रशिक्षु अधिकारियों कार्यदक्षता के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखने का मार्गदर्शन दिया क्योंकि स्वस्थ व्यक्ति ही किसी भी प्रकार के काम को अंजाम दे सकता है इसीलिए उन्होंने स्वास्थ्य रक्षा के लिए भी उत्प्रेरित किया।