आत्मनिर्भर खेती के लिए राष्ट्रीय रबी अभियान शुरू
301 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य
नए विधेयकों से मिलेगा किसानों को लाभ- श्री तोमर
नई दिल्ली :राष्ट्रीय रबी कांफ्रेंस का आयोजन सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर श्री तोमर ने, देश में खरीफ की रिकार्ड बुवाई (1113 लाख हैक्टेयर) होने पर किसानों व कृषि क्षेत्र को बधाई देते हुए कहा कि खेती के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए अब राष्ट्रीय रबी अभियान शुरू हो गया है। वर्ष 2020-21 के लिए खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 301 मिलियन टन निर्धारित किया गया हैं, जिसके लिए उन्होंने प्राण-प्रण से जुटने की अपील की। श्री तोमर ने कृषि क्षेत्र में आमूलचूल सुधार के लिए संसद से पारित दोनों विधेयकों का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे किसानों को काफी लाभ मिलेगा। ये रिफार्म्स लंबे समय से अपेक्षित थे, जिन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में लाया गया है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की दूरदृष्टि एवं कुशल नेतृत्व के कारण कृषि में सकारात्मक विकास संभव हो सका है। उनके नेतृत्व में कृषि उत्पादन एवं कृषि आय में वृद्धि करने के लिए विभिन्न प्रकार के क्रांतिकारी नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। कोरोना संकट के दौर में भी खेती-किसानी को पल्लवित करने वाली अनेक योजनाएं संचालित की गई है। सभी के सहयोग व परिश्रम से इनका लाभ किसानों को मिलता रहेगा। श्री तोमर ने राज्यों से उर्वरकों का सटीक अनुमान भेजने का आग्रह किया ताकि एनवक्त पर किसानों को कोई परेशानी नहीं आएं। अभी आवश्यकता से अधिक उर्वरक उपलब्ध है, आगे भी जरूरत होने पर केंद्र सरकार पर्याप्त आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है और राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती रहेगी।
श्री तोमर ने बताया कि भारत सरकार तिलहन मिशन पर काम कर रही है। सरसों व पाम का लक्ष्य बढ़ाया गया है। रबी की फसलों में सरसों पर विशेष ध्यान दिया गया है। खरीफ 2020-21 की प्रगति की समीक्षा व रबी सीजन का प्लान बनाने के लिए आयोजित इस कांफ्रेंस में बताया गया कि इस बार बारिश बहुत अच्छी हुई है व जल के भंडार भरे हुए हैं, जिनसे भी कृषि के बहुत अच्छे अवसर बने हैं। कांफ्रेंस में बताया गया कि वर्ष 2020-21 के लिए चावल, गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का और मोटे अनाजों के लिए क्रमश: 119.60, 108, 5, 9.57, 29 व 47.80 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य है। दलहन व तिलहन उत्पादन पर अधिक जोर दिया जाएगा। दलहन के लिए 25.60 मिलियन टन व तिलहन के लिए 37 मिलियन टन का लक्ष्य तय किया गया है। चौथे अग्रिम अनुमानों (वर्ष 2019-20) के अनुसार, देश में 296.65 मिलियन टन खाद्यान्नों के उत्पादन का अनुमान है, जो अब तक का सर्वोच्च रिकार्ड होगा। दलहन व तिलहन उत्पादन क्रमश: 23.15 एवं 33.42 मिलियन टन होने का अनुमान है। कपास उत्पादन 354.91 लाख गांठ (बेल) होने का अनुमान हैं, जिससे भारत कपास के उत्पादन में विश्व में उत्पादन की दृष्टि से प्रथम देश हो जाएगा।
इस अवसर पर श्री तोमर ने वर्षा जल संचित क्षेत्र के प्रकाशन का विमोचन किया। कांफ्रेंस में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला व कैलाश चौधरी, सचिव संजय अग्रवाल, आईसीएआर के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महामात्रा, उर्वरक सचिव छबिलेंद्र राउल, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों के कृषि विभागों के प्रधान सचिव व कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण, केंद्रीय व राज्य संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।