जेनरेटर को डीजल से पीएनजी में बदलने पर खर्च में मिले सब्सिडी : विपिन मल्हन
सरकारी दफ्तरों और उद्योगों के खुलने का अलग-अलग समय हो : एनईए
नोएडा। उद्यमियों की सबसे बड़ी संंस्था नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन (एनईए) ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजे पत्र में डीजल जेनरेटर को पीएनजी में कन्वर्ट करने में आने वाले खर्च और नए जेनरेटर खरीदने में सब्सिडी की मांग की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित पत्र में एनईए के अध्यक्ष विपिन मल्हन ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारण उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उद्यमियों को अपना उद्योग सुचारू रूप से चलाने में काफी समय लगेगा। उन्हें आर्थिक मदद की आवश्यकता है। ऐसे समय में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण अधिकरण के अध्यक्ष भूरेलाल द्वारा उद्योगों को डीजल जेन सेट चलाने पर 15 अक्टूबर से रोक लगाने के निर्देश दिये गये हैं। विपिन मल्हन ने कहा कि डीजल जेन सेट को पीएनजी में कनवर्ट कराने में बहुत खर्च आता है। वर्तमान परिस्थितियों उद्यमी उस खर्च को वहन करने में असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा कि एनईए आपके संज्ञान में यह बात लाना चाहती है कि एनसीआर में कुल प्रदूषण का एक चौथाई भाग सड़कों पर चलने वाले वाहनों से होता है। वायु गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए यातायात को कम करना होगा। इसके लिए सरकारी विभागों के कार्यालय तथा औद्यौगिक इकाइयों के खुलने तथा बंद होने के समय में परिवर्तन, शहर के चौराहों पर लगी रेड लाइट का समय ट्रैफिक के हिसाब से निर्धारित करना होगा। पीक आवर में सड़कों पर जाम लग जाता है और वाहनों से निकलने वाले धुंए से प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ यातायात भी प्रभावित होता है।
एनईए अध्यक्ष विपिन मल्हन ने कहा िबढ़ते प्रदूषण से उद्यमी भी चिंतित हैं। वर्तमान में उद्योगों की माली हालत ठीक नहीं है। वे डीजल जेन सेट को पीएनजी में कन्वर्ट करने के लिए किसी भी अतिरिक्त खर्चे को वहन करने की स्थिति में नही हैं। इसलिए अनुरोध है कि डीजल जेन सेट को पीएनजी में कन्वर्ट कराने में जो भी खर्च आता है, उस पर सरकार को सब्सिडी देनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने नए जेन सेट की खरीद पर भी सबसिडी देने की मांग की है। उन्होंने पीएनजी कनेक्शन के लिए किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी न लेने की भी मांग की है। बेहद जरूरत होने पर एक माह के बिल के बराबर सिक्योरिटी राशि ली जाए।
एनईए अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण अधिकरण द्वारा उद्योगों को डीजल जेन सेट चलाने पर 15 अक्टूबर से लगाए गए प्रतिबंध को वापस लिया जाए। उन्होंने विद्युत सप्लाई रुकने पर डीजल जेन सेट चलाने की अनुमति देने की मांग की है।