अर्थव्यवस्था में मजबूती सरकार का प्रमुख लक्ष्य- श्री तोमर

 एसोचैम फाउंडेशन वीक में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर

खेती को मुनाफे में लाना व कृषि क्षेत्र के माध्यम से देश की

ऐतिहासिक रिफार्म्स से उत्साह का माहौल, करोड़ों किसानों को सीधे मिलेगा लाभ

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि खेती को मुनाफे में लाना और कृषि क्षेत्र के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। श्री तोमर ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए घोषित डेढ़ लाख करोड़ रू. के पैकेजों का फायदा गांव-गांव पहुंचेगा, जिससे किसानों व ग्रामीणों का जीवनस्तर बदल जाएगा। आज देश में किए गए ऐतिहासिक कृषि सुधारों को लेकर उत्साह का माहौल है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हुए ऐतिहासिक रिफार्म्स से करोड़ों किसानों को सीधे-सीधे लाभ मिलेगा, वहीं समूचा कृषि क्षेत्र समृद्ध होगा। 

श्री तोमर ने यह बात एसोचैम फाउंडेशन वीक के दौरान एग्री-फूड प्रोसेसिंग सेशन में मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान हमारे देश में कृषि व ग्रामीण क्षेत्र हमारी पूंजी भी है और हमारी ताकत भी है। भारत में मुगल आए-अंग्रेज आए, इन सभी ने हमारे सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाएं। बीच के कालखंड में भी विपरीत अवसर आए और अभी कोविड संकट के दौरान फिर से प्रतिकूल परिस्थितियां बनी लेकिन इन सारे दौर में हमारे कृषि व ग्रामीण क्षेत्र ने लगातार अपनी ताकत साबित की है। देश में समय-समय पर अनेक क्षेत्रों में काम हुए लेकिन मूल रूप से ग्रामीण व कृषि क्षेत्र में समयानुकूल निजी निवेश नहीं होने की चूक होती रही, परंतु अब प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा काम संभालने के बाद से उन्होंने लगातार इस बात की कोशिश की है कि गांवों में जनजीवन बेहतर हो, आजीविका के साधन पहुंचे, गांवों की आत्मनिर्भरता बढ़े। इसीलिए, कृषि क्षेत्र में गैप्स को भरने की शुरूआत सरकार ने की है है। देश में छोटे करीब 86 प्रतिशत किसान है, जिनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पहल की गई है। गांव-गांव छोटी प्रोसिसिंग यूनिट्स बढ़ाना है, इंफ्रास्ट्रक्चर की पूति करना है, जिससे कृषि का जीडीपी में योगदान बढ़ेगा। 

श्री तोमर ने कहा कि गांवों के लोगों को सरकार की योजनाओं-कार्यक्रमों के लाभ मिलना शुरू हो गए है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण की मंजूरी दी गई है, जिसमें 80 हजार करोड़ रू. खर्च होंगे, पीएम आवास योजना के माध्यम से अच्छे घर में रहने, गांव-गांव, घर-घर रसोई गैस कनेक्शन सुविधा पहुंचाने, सौभाग्य योजना में बिजली कनेक्शन देने जैसी मूलभूत सुविधाओं से केंद्र सरकार ग्रामीण जीवन स्तर को सुगम-सरल बना रही है। सरकार ने एमएसपी को डेढ़ गुना किया है, 10 हजार नए एफपीओ के माध्यम से किसानों को आदान प्राप्ति, टेक्नालाजी से जुड़ने, विपणन सुविधा इत्यादि की शुरूआत की है। 1 लाख करोड़ रू. के कृषि इंफ्रा फंड व सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए 50 हजार करोड़ रू. के पैकेजों से ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी,खेती मुनाफे में आएगी। इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही हैं। 

श्री तोमर ने कहा कि किसानों व कृषि क्षेत्र की भलाई के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। गांव-गरीब-किसान प्रधानमंत्री जी की प्राथमिकता पर है। इसीलिए, नए कृषि कानून लाए गए हैं, जिनसे पूरे कृषि जगत को लाभ मिलेगा। लाखों किसान नए कानूनों के समर्थन में इकट्ठा हो रहे हैं, आज भी कई संभागीय सम्मेलन हुए, वहीं कुछ संगठनों का विरोध में आदोलन चल रहा है, जिसका बातचीत से रास्ता निकलेगा। किसानों की चिंता सरकार को हर तरह से है, इसी दिशा में गत अक्टूबर में, सरकार ने किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डाटाबेस तैयार करने की घोषणा की, जिस पर तेजी से काम चल रहा है। पीएम फसल बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, साइल हेल्थ कार्ड, भूमि रिकॉर्ड विवरण आदि को डाटाबेस से जोड़ा जाएगा, जो किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक साबित होगा, घर बैठे जरूरी सूचनाएं मिलेगी। स्मार्ट टेक्नालाजी का उपयोग किसानों को रियल टाइम डाटा प्रदान करता है, जिससे उत्पादन-उत्पादकता सुधारने में मदद होती है और प्रतिकूल स्थितियों में लाभ मिलता है। सरकार ने किसानों व कृषि क्षेत्र की भलाई के लिए चौतरफा उपाय किए हैं, जिनका उद्देश्य अंततः किसानों की आय बढ़ाना, उन्हें समृद्ध करना है। हमें पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जी के संकल्प के अनुरूप वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में कामयाबी मिलेगी। देश में, कृषि क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज जैसे बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए निजी निवेश में वृद्धि के कारण बेहतर स्थितियां अवश्य निर्मित होगी। 

श्री तोमर ने कहा कि देश की उन्नति के लिए किसान, जवान और विज्ञान की भूमिका सबसे अहम होती है। आज हमारे देश की आधी आबादी के लिए आजीविका का प्राथमिक स्रोत कृषि ही है। अधिकांश कृषि उत्पादों के मामले में भारत, दुनिया में पहले या दूसरे स्थान पर है। भारत में सर्वाधिक पशुधन (535.78 मिलियन) है, जो विश्व में पशुओं की संख्या का 31% है। हमारे किसान भाइयों की अथक मेहनत, कृषि वैज्ञानिकों के गहन अनुसंधान तथा सरकार की निरंतर पहल, इन तीनों का ऐसा अनूठा संगम हुआ कि भारत में आज बंपर खाद्यान्न हो रहा है। वर्ष 2020-21 में, देश में लगभग 300 मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान है, जो अब तक का सर्वाधिक है, वहीं बागवानी में बहार भी है और इसका उत्पादन निरंतर बढ़ रहा है। हमारे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की देश के कुल खाद्य बाजार में 32% हिस्सेदारी है। यह देश में बड़े उद्योगों में से एक है, जो उत्पादन, खपत व निर्यात में पांचवें स्थान पर है। सरकार की खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की क्षमता बढ़ाकर, वर्तमान 10% से तीन गुना करने की योजना है। एक जिला- एक उत्पाद के दृष्टिकोण को अपनाने के लिए, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना भी शुरू की गई है। इसका उद्देश्य आधुनिक अवसंरचना के साथ आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से उत्पादकों / किसानों को प्रोसेसरों व बाजारों से जोड़कर क्लस्टर दृष्टिकोण आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स खोलने के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है। ये तमाम आंकड़े दर्शाते है कि हमारा कृषि क्षेत्र अब किस तेजी से प्रगति कर रहा है। जीडीपी के आंकड़ों से भी यह जाहिर हुआ है, जिसमें कोरोना संकट के बावजूद कृषि क्षेत्र प्लस में रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर व पीएम की दूरगामी सोच के अनुरूप फाइव ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की प्रमुख भूमिका रहेगी। खुशी की बात है कि एसोचैम भी इस दिशा में सोच रहा है व उद्यमियों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। औद्योगिक जगत में एसोचैम देश का प्रमुख संस्थान है, जिसकी भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। एसोचैम की सक्रियता उद्यमियों को लाभ पहुंचा रही है। कार्यक्रम में एसोचैम के अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी, उपाध्यक्ष  विनीत अग्रवाल एवं महासचिव  दीपक सूद सहित देश के विभिन्न उद्योगों के प्रमुख पदाधिकारी व अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए।

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