बॉबी चेम्मनूर ने माराडोना की याद में विश्व स्तरीय संग्रहालय बनाने की घोषणा की

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हान फुटबाल खिलाडी माराडोना की आदमकद सोने की मूर्ति होगी इस इंफोटेनमेंट सेंटर का मुख्य आकर्षण 

कोच्चि : प्रमुख व्यवसायी, परोपकारी और खिलाड़ी बॉबी चेम्मनूर ने आज डिएगो माराडोना की याद में एक विश्व स्तरीय संग्रहालय बनाने की घोषणा की। इस संग्रहालय में किवदंती बन चुके फुटबाल खिलाडी की सोने की आदमकद मूर्ति भी स्थापित की जाएगी और यह इस संग्रहालय की एक प्रमुख खासियत होगी। 

आदमकद मूर्तिकला  ‘द हैंड ऑफ गॉड ’ का प्रतिनिधित्व करेगी। यह मूर्ति अर्जेंटीना खिलाडी द्वारा 1986 के फीफा विश्व कप में सधे निशाने से किए गए उस गोल को प्रदर्शित करती है जिसकी बदौलत उसकी टीम ने विजय हासिल की थी। 

यह प्रस्तावित संग्रहालय कोलकाता या दक्षिण भारत में बनेगा। चेम्मनूर इंटरनेशनल ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री बॉबी के अनुसार यह माराडोना के प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह  संग्रहालय कला और प्रौद्योगिकी के सौंदर्यशास्त्र का एक मिश्रण होगा। 

श्री बॉबी ने बताया कि कई एकड़ जमीन में बनने वाले इस संग्रहालय में इसके मुख्य आकर्षण के रूप में माराडोना की सोने की एक मूर्ति स्थापित की जाएगी। बॉबी ने ही आठ साल पहले फुटबाल की इस महान हस्ती को केरल के दौरे पर लाने में मुख्य भूमिका निभाई थी। 

एक दशक तक माराडोना के साथ अपनी "घनिष्ठ मित्रता" को याद करते हुए, बॉबी ने कहा कि ʺमहान फुटबाल खिलाडी के साथ उनकी मित्रता 2011 में दुबई में शुरू हुई। बाद में मैराडोना ने दुबई में एक चेम्मनूर ज्वैलरी शोरूम का उद्घाटन किया। “मैंने माराडोना को उनकी आकृति में एक छोटी सोने की मूर्ति भेंट की थी। इसे स्वीकार करते हुए, फ़ुटबॉल स्टार ने ʺद हैंड ऑफ़ गॉड‘‘ को प्रदर्शित करने वाली आदमकद  सोने की मूर्तिकला देखने की इच्छा व्यक्त की।ʺ 

सामाजिक कार्यकर्ता और मार्शल आर्टिस्ट बॉबी ने कहा, "मैं माराडोना की उस इच्छा को पूरा करते हुए बेहद खुश हूं।" ʺद  हैंड ऑफ गॉड ʺ गोल इंग्लैंड के खिलाफ 1986 कप के क्वार्टर फाइनल में बनाया गया था।

बॉबी चेम्मनूर समूह 157 साल पुराना है जिसका मुख्यालय त्रिशूर में है और दुनिया भर में इसके 50 से अधिक आउटलेट्स हैं। अर्जेंटीना के फुटबाल खिलाडी ने मार्च 2018 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था और उसके बाद से वह इस समूह के एम्बेसडर थे। माराडोना को फुटबाल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शामिल किया जाता है। उनकी कप्तानी में अर्जेंटीना ने 29 जून को मैक्सिको सिटी में 1986 का विश्व कप जीता था। अर्जेंटीना में फाइनल में पश्चिम जर्मनी को 3-2 से हराया।

माराडोना ने अक्टूबर 2012 में कन्नूर में चेम्मनूर ज्वेलर्स के एक शोरूम का उद्घाटन किया था। उन्होंने राज्य के उत्तरी हिस्से का दो दिन का दौरा किया था। 

58 वर्षीय बॉबी ने कहा – ʺयह संग्रहालय माराडोना के प्रति मेरी श्रद्धांजलि है। यह संग्रहालय उस महान खिलाड़ी और उनके फुटबॉल के बारे में जानकारियों का भंडार होगा। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के मनोरंजन के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।” 

संग्रहालय के क्यूरेटर कलाकार-लेखक बोनी थॉमस होंगे, जो कोच्चि बिनाले फाउंडेशन के संस्थापक-ट्रस्टी हैं और जो भारत के सबसे बड़े समकालीन कला उत्सव का आयोजन करते हैं।

उद्यमी बॉबी ने कहा " माराडोना हमेशा मेरे लिए एक आश्चर्य रहे हैं। वह वैसे फुटबाल खिलाडी रहे जिनका कोई जोड नहीं था। और एक दोस्त के रूप में बहुत ही जिंदादिल और गर्मजोशी से भरे थे।

बॉबी की कंपनी के विज्ञापन का टैगलाइन 'माराडोना एंड बॉबी' एक बड़ी हिट रही है। उस महान  फुटबॉल खिलाड़ी को "एक संवेदनशील और ईमानदार व्यक्ति" बताते हुए, बॉबी ने कहा कि माराडोना "जल्दी गुस्सेʺ में आ जाते थे क्योंकि वह "भावुक" थे।

बॉबी चेम्मनूर ग्रुप को, 1863 में वरंडारपिली में स्थापित किया गया, जो त्रिशूर शहर से 25 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है, इसकी खाड़ी और पूर्वी एशिया के अलावा पूरे भारत में शाखाएँ हैं। 60 साल के माराडोना की ब्रेन सर्जरी हुई थी और उस सर्जरी के 12 दिन बाद 24 नवंबर को दिल का दौरा पड़ने से ब्यूनस आयर्स स्थित उनके घर में उनका निधन हो गया।

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