49 वर्ष का हो जाएगा नोएडा प्राधिकरण: इसके वयस्क होने का प्रमाण क्या है ?
-राजेश बैरागी-
17 अप्रैल को नोएडा प्राधिकरण का 50 वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा।49 वर्ष पहले अस्तित्व में आए नोएडा प्राधिकरण ने दिल्ली से सटे हिंडन और यमुना नदी के इस दोआबे की तस्वीर और तकदीर बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बड़ी-बड़ी और बहुराष्ट्रीय सहित हजारों औद्योगिक इकाइयों, गगनचुंबी इमारतों, आलीशान भवनों और नामचीन संस्थानों वाले इस आधुनिक नगर को देखकर आधी शताब्दी पहले की स्थिति का आज अनुमान लगाया जाना संभव नहीं है।
प्राधिकरण के एक अधिकारी विजय रावल के अनुसार इसे लघु भारत कहा जाना उचित है। यहां समूचे भारत के प्रत्येक राज्य से आकर लोग रहते हैं। उनके सपनों ने यहां आकर साकार रूप लिया है। यहां उत्पादित सामान देश विदेश में उपयोग किए जाते हैं। देश भर के नागरिक यहां रहने में गर्व अनुभव करते हैं। क्या यह नोएडा शहर और प्राधिकरण के लिए भी गर्व की बात है? निस्संदेह राष्ट्रीय राजधानी के इतने निकट कोई भी ऐसा नगर नहीं है जहां सभी सुविधाएं एक स्थान पर उपलब्ध हों। अपनी विकास यात्रा में नोएडा प्राधिकरण और नोएडा नगर ने अनेक उतार चढ़ाव देखे हैं। स्थापना के दो वर्ष बाद आयी देशव्यापी बाढ़ ने इस भविष्य के नगर की योजना पर सवाल खड़ा कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार यहां नगर बसाने के स्थान पर सेना की छावनी बनाने पर विचार करने लगी थी।तत्समय उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री थोड़े थोड़े अंतराल पर बदल रहे थे। नोएडा का भविष्य दांव पर लगा था। जिस संजय गांधी (1980 ) और इंदिरा गांधी (1984) का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था, उनकी असमय मृत्यु के बाद इस नगर ने विकास की गति पकड़ी। नब्बे का दशक आते-आते यह प्राधिकरण और यह नगर राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में आ गये। कल्याण सिंह, मुलायम सिंह, मायावती आदि गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने इसपर विशेष ध्यान दिया। राज्य सरकार ने जहां इसी की तर्ज पर एक और औद्योगिक विकास प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा की स्थापना की वहीं मुलायम सिंह और मायावती ने न केवल इन दोनों प्राधिकरणों को अपनी आय का मुख्य साधन बना लिया बल्कि यहां की निगरानी, संचालन और वसूली के लिए बाकायदा कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति की।इसी क्रम में 2001 में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (तब ताज एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण)का गठन किया गया।49 वर्ष का नोएडा वयस्क हो गया है या प्रौढ़ हो गया है?मेरा मानना है कि नगरों की आयु उनके महत्व को दर्शाती है। नोएडा का महत्व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और समूचे देश के साथ साथ किन्हीं कारणों से विदेशों में भी है। इसके वयस्क होने से मैं असहमत हूं। यह एक व्यवस्थित नगर आज भी नहीं है। यहां से निकलने वाले कूड़े कचरे के भंडारण और निस्तारण की आज तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। नियोजन की दृष्टि से यह नगर स्लम और आधुनिकता का मिला जुला स्वरूप है।नगर को अतिक्रमण और अवैध कब्जों से बचाने का कोई तंत्र विकसित नहीं किया जा सका है। वर्तमान मुख्य कार्यपालक अधिकारी की पहल पर नगर के आधा दर्जन स्थानों पर शीतल पेय जल की व्यवस्था की गई है अन्यथा सपनों के इस शहर में आगंतुकों को एक गिलास पानी पिलाकर स्वागत करना भी संभव नहीं था।
17 अप्रैल को प्राधिकरण स्थापना दिवस को मनाने के लिए कुछ कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं।केक काटना, मैत्री क्रिकेट मैच खेलना जैसे कार्यक्रम इतने महत्वपूर्ण नगर और प्राधिकरण के लिए बचकाने लगते हैं। ऐसे अवसर पर प्राधिकरण को नगरवासियों के साथ आत्मावलोकन के लिए सेमिनार और संवाद के कार्यक्रम आयोजित करने चाहिएं। नगर और उसका संचालन करने वाले संस्थान के वयस्क होने का यही प्रमाण हो सकता है।(नेक दृष्टि)