जन समस्याओं का समाधान — मारहरा में न्याय की एक ऐतिहासिक पहल

 एटा :






13 अप्रैल  को मारहरा की धरती  पर एक नई सामाजिक चेतना की साक्षी बनी। रानी अवंती बाई इंटर कॉलेज का प्रांगण उस दिन केवल एक विद्यालय का परिसर नहीं रहा—वह जन आकांक्षाओं, सामाजिक न्याय, और नारी सशक्तिकरण की पुकार का मंच बन गया। यह अवसर था सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड द्वारा आयोजित "जन समस्या निवारण कार्यक्रम" का, जो गाँव-गाँव से आए नागरिकों के लिए एक आशा की किरण साबित हुआ।

कार्यक्रम की सूत्रधार थीं डॉ. कुसुम पथरिया, राष्ट्रीय अध्यक्षा (महिला प्रकोष्ठ), जिनके वर्षों के संघर्ष और समर्पण ने इस आयोजन को आकार दिया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि—“शिक्षा समाज का दीपक है, और न्याय उसकी लौ। जब तक शिक्षा और न्याय अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुँचेंगे, तब तक विकास अधूरा रहेगा।”

इस गरिमामयी आयोजन में दो मुख्य अतिथि मंच पर विराजमान रहे:डॉ. एन.पी. आनंद, संस्थापक एवं महा निदेशक (राष्ट्रीय), अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, जगमोहन गुप्ता, एस.डी.एम., सदर, एटा (उत्तर प्रदेश)

डॉ. एन.पी. आनंद ने अपने विचारों में बताया कि यह बोर्ड केवल एक संस्था नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य है न्याय को गाँव की चौपाल और श्रमिक की कुटिया तक पहुँचाना। उन्होंने कहा—“हमारी कोशिश है कि हर वह व्यक्ति जो वर्षों से अनसुना रहा, अब उसे मंच और समाधान दोनों मिले। सामाजिक न्याय सिर्फ शब्द नहीं, यह व्यवस्था के मूल में होना चाहिए।”

एस.डी.एम. जगमोहन गुप्ता ने अपने उद्बोधन में शिक्षा को समाज की सबसे बड़ी शक्ति बताते हुए युवाओं, विशेषकर बालिकाओं को इसके केंद्र में रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि—“एक शिक्षित बेटी केवल परिवार नहीं, बल्कि पूरे समाज को आलोकित करती है।”

इस अवसर पर दो विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे:संजय कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी (सीओ), एटा, सत्यं त्रिपाठी, समाज कल्याण अधिकारी, एटा

सीओ संजय कुमार सिंह ने युवाओं से आह्वान किया कि वे नशा मुक्ति, कानून पालन और सामाजिक सौहार्द के लिए सजग रहें और स्वयं को एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में स्थापित करें।

समाज कल्याण अधिकारी सत्यं त्रिपाठी ने सामाजिक योजनाओं—वृद्धावस्था पेंशन, निःशुल्क चिकित्सा, आर्थिक सहायता तथा शिक्षा प्रोत्साहन—की जानकारी दी और कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक इन योजनाओं को पहुँचाना हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।

कार्यक्रम की सबसे प्रेरणादायक झलक रही—12 प्रतिभाशाली छात्राओं का सम्मान, जिन्होंने अपने विद्यालयों में कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इन बेटियों के अभिभावकों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने संघर्षों के बीच उन्हें आगे बढ़ने का अवसर दिया।

इसके साथ ही आयुष्मान योजना, कन्या सुमंगला, नंदा देवी कन्या धन, नशा मुक्ति अभियान, महिला सुरक्षा, एवं विशेष महिला हेल्पलाइन (969652503) की जानकारी भी साझा ने राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक जागरूकता पर जोर देते हुए युवाओं से अपील की कि वे केवल शैक्षिक ही नहीं, सामाजिक रूप से भी सजग बनें।

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